शेयर मार्केट क्या है? What is Share Market in Hindi? यह सवाल बहुत सारे लोगो के मन में आता है। आप अक्सर शेयर मार्केट के बारे न्यूज़ चैनल या फिर लोगो से सुनते है। शेयर मार्केट को लेकर लोगो में बहुत सारे Confusion है। आज में इस आर्टिकल में सारे Confusion को दूर करने वाला हूँ।
शेयर बाजार एक ऐसी जगह है, जहाँ पर लिस्टेड कम्पनीओ के शेयर खरीदे और बेचे जाते है। यहाँ पर शेयर को खरीदने और बेचने वाले दो पक्ष होते है। शेयर बाजार में आप अपने पैसो को इन्वेस्ट करने पर अच्छा मुनाफा कमा सकते है। जैसे ही आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते है तो जितने शेयर आप ने खरीदे है उस के हिसाब से आप को उस कंपनी में हिसा मिल जाता है। और जब उन शेयर की कीमत बढ़ जाये तब आप उन शेयर को बेच कर अच्छा खासा प्रॉफिट कामा सकते है।
शेयर मार्केट क्या है? What is Share Market in Hindi
भारतीय शेयर बाज़ार की स्थापना 1875 में की गयी थी। शेयर बाज़ार कंपनियों और इन्वेस्टर को इक्विटी, म्यूचुअल फंड, डेरिवेटिव, बॉन्ड में इन्वेस्ट करने के लिए प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। भारत में, दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं। एक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) है और दूसरा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) है। तो, आइए शेयर बाजार की बुनियादी बातों को समझ कर शुरुआत करें।
शेयर बाजार में निवेश क्यों करें?
शेयर मार्किट के दिग्गज कहे जाने वाले वारेन बुफे (Warren Buffet) के शब्दो में कहे तो “अगर आप भविष्य खूब धन पाना चाहते तो आप को अभी से शेयर मार्किट में पैसा लगाना होगा।” चूकि शेयर बाजार में पैसा लगाना रिस्की होता है। इसलिए आप को पहले शेयर बाजार का अध्ययन करना होगा, उसके पश्चात् अच्छे शेयर में लम्बी अवधि के लिए इन्वेस्ट करना होगा। शेयर बाजार के एक्सपर्ट्स का मानना है की लम्बी अवधि के लिए पैसा लगाने से नुकसान की संभावना बहुत काम हो जाती है। शेयर मार्किट लम्बी अवधि में अच्छा प्रदर्शन करता है।
शेयर बाजार के प्रकार
प्राथमिक शेयर बाजार – जब कोई कंपनी शेयरों के माध्यम से अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए सेबी में पहली बार अपना रजिस्ट्रेशन कराती है, तो उसे प्राथमिक बाजार कहा जाता है। इसे इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) भी कहा जाता है। आईपीओ के माध्यम कंपनी अपने शेयर सीधे जनता को बेच सकती है।
द्वितीयक बाजार – जब कोई कंपनी अपने शेयर आईपीओ के माध्यम से बेच देती है, तब वह द्वितीयक बाजार में प्रवेश करती है। द्वितीयक बाजार में निवेशक अपनी इच्छा अनुसार शेयर को खरीद और बेच सकता है। आमतौर पर निवेशक इन लेन-देनको ब्रोकर के माध्यम से पूरा करता है।
शेयर बाजार में क्या ट्रेड किया जाता है?
Share – शेयर का मतलब होता है, हिसा अर्थात शेयर किसी कंपनी की कुल पूंजी का एक सबसे छोटा हिस्सा होता है। Example के तौर पर मान लीजिये XYZ कंपनी की कुल पूंजी 100 रूपये है और अगर 100 रूपये को अलग-अलग पार्ट में बांट दिया जाये तो हर पार्ट अपने आप में एक शेयर कहलाएगा। और एक शेयर की कीमत 1 रूपये होगी, इस तरह से जिस व्यक्ति के XYZ कंपनी की जितने शेयर होंगे वह उतने प्रतिशत का उस कंपनी में मालिक बन जायेगा।
Bonds – जब किसी कंपनी को पैसे की जरूरत होती है तो वो फंड रेज करती है। तब पैसा जुटाने के लिए कंपनी बॉन्ड इशू करती है। बॉन्ड के जरिये कम्पनी पब्लिक और फाइनैंशल इन्स्टिट्यूट से फंड रेज करती है। अगर कमपनी शेयर मार्किट कसे फंड रेज करती है तो पब्लिक को शेयर होल्डर्स बनाना पड़ता है, इससे कमपनी की शेयर होल्डिंग काम हो जाती है। इसलिए कंपनी बॉन्ड के जरिये फंड रेज करती है।
Mutual Funds – म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड होता है जिसमें कई इन्वेस्टर्स होते हैं। म्यूचुअल फंड में आपके पैसों को इन्वेस्ट करने का काम फंड मैनेजर करते हैं। फंड मैनेजर आप के पैसों को शेयर बाजार, गोल्ड या फिर दूसरी सेक्युरिटीज़ में लगा सकते है। इन फंड मैनेजर्स का मकसद निवेश की गई रकम पर कम से कम रिस्क में अच्छे रिटर्न या मुनाफा कमा कर इन्वेस्टर्स को देना होता है। म्यूचुअल फंड दो टाइप के होते है।
- Open-ended funds
- Close-ended funds
Derivatives – डेरिवेटिव्स का मतलब होता है, ऐसी चीज़ जो किसी और चीज़ से आई हो या किसी और चीज़ पर बेस्ट हो और एक डेरिवेटिव जिस चीज़ पर बेस्ट होता है। उसे हम डेरिवेटिव का अंडरलाइन एसेट या सिम्पली अंडरलाइन कहते हैं। हर डेरिवेटिव की प्राइस उसके अंडर लाइन एसेट पर डिपेंड करती है। अगर अंडरलाइंग एसेट की प्राइस बढ़ेगी तो उस बेस्ड डेरिवेटिव्स की प्राइस भी बढ़ेगी। अगर अंडरलाइंग एसेट की प्राइस घटेगी तो उस बेस्ड डेरिवेटिव्स की प्राइस भी घटेगी।
Example के लिए हम जानते हैं कि शुगर हमें शुगरकेन से मिलता है तो हम कहेंगे की शुगर यहाँ पर शुगरकेन का है और शुगरकेन यहाँ पर शुगर का अंडरलाइन ऐसेट है और जब शुगरकेन की प्राइस बढ़ती है तो मार्केट में शुगर की प्राइस भी बढ़ती है।और जब सुगरकेन की प्राइस कम होती है तो मार्केट में शुगर की प्राइस भी कम होती है। ठीक इसी तरह स्टॉक मार्केट में फाइनैंशल डेरिवेटिव्स होते हैं, जिनके अंडरलाइन एसेट – स्टॉक्स, इंडेक्स, करेन्सी या कमोडिटी होते हैं और जिस तरह इन सब अंडरलाइन ऐसेट की प्राइस चेंज होती है, ठीक वैसे ही इनके ऊपर बेस्ड डेरिवेटिव की प्राइस भी चेंज होती है। डेरिवेटिव्स के चार टाइप्स होते हैं।
- फॉर्वर्ड
- फ्यूचर
- ऑप्शन
- स्वैप
स्टॉक एक्सचेंज क्या है?
स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो कम्पनीओ के शेयरों को खरीदने और बेचने में मदद करता है। भारत शेयर बाजार में होने वाली गतिविधियों को सेबी द्वारा नियंत्रित किया जाता है। भारत में दो स्टॉक एक्सचेंज है – एक है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज। जिसको हम लोग प्यार से बीएससी बुलाते हैं और दूसरा है नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज। जिसको हम लोग प्यार से एनएसई बुलाते हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लगभग 5000 कंपनीस लिस्टेड है और नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज में लगभग 2000 कंपनीस लिस्टेड है। कई ऐसी भी कंपनीस हैं जो बीएसी और एनएसई दोनों में लिस्टेड है। जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज़, इंफोसिस, टीसीएस आदि। आप बीएसई और एनएसई दोनों में से किसी पर भी शेयर खरीद सकते हैं।
शेयर बाजार क्या है?
शेयर बाजार एक ऐसा बाजार है, जहाँ पर लिस्टेड कम्पनीओ के शेयर खरीदे और बेचे जाते है।
भारत में कितने शेयर बाजार हैं?
भारत में दो शेयर बाजार है पहला बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और दूसर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)
निष्कर्ष!
शेयर मार्केट एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ पर निवेशक लिस्टेड पब्लिक कम्पनियो के शेयर खरीद और बेच सकते है। लिस्टेड पब्लिक कम्पनियो के शेयर खरीद कर निवेशक उन कम्पनियो में शेयर होल्डर बन जाते है। मैं आशा करता हूं कि आपको शेयर मार्केट क्या है? (What is share market in Hindi) की पूरी जानकारी आपको हिंदी में में प्राप्त हो गयी होगी।
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